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Showing posts from February, 2019

मेरी अधूरी वाली love story (01) {मीठी नींद}

आज मैंने सोचा कि जो बाते मैं तुमसे बोल नही पाता हूँ वो लिख लिया करू । क्योंकि तुमपे इतना समय ही कहा है जो तुम मुझसे बात करो या हो सकता है तुम बात नही करना चाहती हो।और मुझे पता है कि मैं अपने मुंह से ये बाते कभी तुम्हे बता नही पाऊंगा अब चाहे इसे शर्माना कह लो या फिर इस बात का डर कह लो कि कहि तुम ये बाते जानके मुझसे दूर न चली जाओ। खैर ये सब छोड़ो अच्छा तुम्हे पता है तुम मुझे उस दिन से ही अच्छी लगने लगी थी जब मैने पहली बार तुम्हारी तरफ देखा था मतलब की जिस दिन शरद तुमसे मजाक कर रहा था और मैं उसके पास था पर कभी कुछ सोचा नही क्योंकि उस समय मैं किसी गलत चीज़ के पीछे बेसुध भाग रहा था।ओर वो चीज़ क्या थी तुम्हे भी पता है शायद तुम्हे ध्यान  होगा या तुम भूल भी गयी हो तो कोई बढ़ी बात नही है।जब कॉलेज zest की तैयारी चल रही थी ।एक दिन जब हम सब एक ही बस से वापस आरहे थे और इतेफाकन मैं तुम्हारे पास बैठा था।और मेरे सिर में दर्द हो रहा था। तो तुमने अपने earphone मुझसे share करे थे और मेरा सिर सहराया था।पता है उस समय मैं कुछ पल के लिए एक सुकून वाली नींद में चल गया था। पता है बो शायद मेरी ज़िंदगी का सबसे आरा

रक्षक वो हमारे था

आज किसी माँ की गोद खाली हो गयी किसी की सिन्दूर भरी मांग सुनी हो गयी एक बच्ची ने एक पिता का कन्धा खो दिया सच कहूँ तो देश ने एक सितारा खो दिया                   एक पिता का सिर्फ पुत्र नही                    बल्कि उसका अभिमान खो गया                     एक बेटी का बाप नही                     बल्कि उसका आसमान खो गया                     एक बहन का भाई नही बल्कि उसका संसार खो गया सच कहूं तो देश ने सिपाही नही बल्कि एक सितारा खो गया                          वो सिर्फ एक लाल नही                           माँ की आंख का तारा था                           वो सिर्फ एक पुत्र नही                           बल्कि पिता का सहारा था                           वो सिर्फ एक सैनिक नहीं                             बल्कि रक्षक वो हमारा था वो सिर्फ एक सैनिक नहीं बल्कि रक्षक वो हमारा था Harshit saxena{vasu}

नर्क

एक जगह जिसे लोग सोचना भी नही चाहते हैं जहाँ चिड़ियो की जगह गिद्ध मंडराते है जहां सपनो में भी हैवान आते हैं जिसका ज़िक्र करने पर जुबां संग शब्द भी थर्रा जाते है शायद उसे ही लोग नर्क  नाम से जानते हैं। जहां सूर्य भी काले पढ़ जाते हैं जहां चाँद पर दाग हाबी हो जाते हैं जहाँ कोमल पुष्प बेहरमी से कुचल दिए जाते हैं शायद उसे ही लोग नर्क नाम से जानते हैं। जहां हैवान भी अपनी परछाई से डर जाते हैं जहां लोग मौत की कामना करते करते जिंदगी काटते है जहां आशा की किरण को बादल खा जाते है शायद उसे ही लोग नर्क नाम से जानते हैं। जहां पेट के लिए सारे रिश्ते भूला दिए जाते हैं जहाँ बाप बेटी के लिये हैवान बन जाते हैं जहां भाई भाई खून के प्यासे बन जाते हैं शायद उसे ही लोग नर्क नाम से जानते हैं एक जगह जहां जाने से ज्यादा मौत को पाना लोग खुशनसीबी मानते हैं जिसके बारे में लिखने के लिए कलम भी स्याही छोड़ जाते हैं शायद उसे ही लोग नर्क नाम से जानते हैं। Harshit saxena{vasu}

ज़िक्र

पहले  भी मेरी कलम पे जिक्र तेरा रहता था पहले  तेरी मोहब्बत में लिखता था अब बस नफरत लिखता हूं             पहले ख्वाब में भी तुम्हे देखता था             अब सामने पढ़ने पर नजर बचा लेता हूँ             पहले जुबां पे सिर्फ तेरा ज़िक्र रहता था             अब तो तेरा नाम तक नही लेता हूं पहले तेरे साथ चलने में खुश रहता था अब तो ग़र तू सामने से भी आरही  हो मैं रास्ता बदल लेता हूँ पहले तेरे साथ रहने में खुश रहता था अब तो अकेलेपन में सुकून से जीत हूँ            जहन में अभी भी तू है            बस फ़र्क़ इतना है            पहले तुझसे मोहब्बत करता था            अब नफरत में लिखता हूँ Harshit saxena {vasu}                          

First day of college

आज कॉलेज में मेरा पहला दिन था।और में बहुत खुश थी।एक अलग ही अहसास था एक अलग ही उत्साह था।मैं कॉलेज में घुसी ही थी कि मैंने देखा कुछ लड़के लड़की ग्रुप बना कर बैठे हैं और उनके ठीक बीच मेरी तरह firstyear के कुछ student खड़े हुए हैं।और सीनियर स्टूडेंट उनकी ragging ले रहे हैं।मुझे ऐसा कुछ नही पता था कि इस कॉलेज में रैगिंग भी होती है। ये सब देखके मैं डर गई और मुँह नीचे करके सीधे चलती गयी न मैंने अपने आस पड़ोस में देखा न ही आगे की ओर बस चलती गयी।और इस तरह चल रही थी कि मुझे ये भी सुध नही थी कि सामने से कोई रहा है और इतने में ही मैं एक सीनियर लड़के से टकरा गई ओर इस वाख्ये से मैं और ज्यादा डर गई मेरी धढ़कने normal से ज्यादा तेज हो गयी। मैने अपनी डरी हुई नजरो से ऊपर देखा तो मेरी आंखे एक बार को खुली की खुली रह गयी धधकने ओर तेज़ सी हो गयी और एक पल के लिए सहम सी गयी। क्योंकि मेरे सामने एक थोड़े से लंबे बालों वाला अच्छी और सुडौल कद काठी वाला लड़का खड़ा था।जिसको देख किसी भी लड़की का दिल दो पल के लिए थम जाये।दो पल के लिए तो मेरी नजरे उसपे टिक सी गयी थी वो तो उसने मेरी आँखो के सामने से हाथ हिलाया  तो  मेरा ध्या