मेरी अधूरी वाली love story (01) {मीठी नींद}
आज मैंने सोचा कि जो बाते मैं तुमसे बोल नही पाता हूँ वो लिख लिया करू । क्योंकि तुमपे इतना समय ही कहा है जो तुम मुझसे बात करो या हो सकता है तुम बात नही करना चाहती हो।और मुझे पता है कि मैं अपने मुंह से ये बाते कभी तुम्हे बता नही पाऊंगा अब चाहे इसे शर्माना कह लो या फिर इस बात का डर कह लो कि कहि तुम ये बाते जानके मुझसे दूर न चली जाओ। खैर ये सब छोड़ो अच्छा तुम्हे पता है तुम मुझे उस दिन से ही अच्छी लगने लगी थी जब मैने पहली बार तुम्हारी तरफ देखा था मतलब की जिस दिन शरद तुमसे मजाक कर रहा था और मैं उसके पास था पर कभी कुछ सोचा नही क्योंकि उस समय मैं किसी गलत चीज़ के पीछे बेसुध भाग रहा था।ओर वो चीज़ क्या थी तुम्हे भी पता है शायद तुम्हे ध्यान होगा या तुम भूल भी गयी हो तो कोई बढ़ी बात नही है।जब कॉलेज zest की तैयारी चल रही थी ।एक दिन जब हम सब एक ही बस से वापस आरहे थे और इतेफाकन मैं तुम्हारे पास बैठा था।और मेरे सिर में दर्द हो रहा था। तो तुमने अपने earphone मुझसे share करे थे और मेरा सिर सहराया था।पता है उस समय मैं कुछ पल के लिए एक सुकून वाली नींद में चल गया था। पता है बो शायद मेरी ज़िंदगी का सबसे आरा