मेरी अधूरी वाली love story(04) the end
आज पेपर खतम दो दिन बाद वो भी घर जा रही है और मैं सुबह से उसकी chat खोलके उसे msg करने की कोशिश कर रहा हूं। बार बार msg लिखता हूं पड़ता हूँ और बहुत कुछ सोचने के बाद डिलीट कर देता हूँ पर एक बार हिम्मत करके send नही कर पाता हूं । ओर हमेशा की तरह मेरा डर मेरी हिम्मत पर जीत जाता है। मैं उससे डरता नही हूँ बस उसकी इज़्ज़त बाकियो से ज्यादा करता हूँ इसलिए उसके सामने काफी सीमाओ में बंध जाता हूँ। और दूसरी बात ये है कि उसे खोने से मैं कुछ ज्यादा ही डरता हूँ। मैं कभी भी ये नही समझ पाता हूँ कि उसे बताना चाहिए या नहीं यहाँ तक कि मैं खुद में इतना confuse हूँ कि मैं खुद नही समझ पारहा हुन की मैं उसे बताना चाहता हूँ या नहीं। क्योंकि कब तक मैं अपनी सारी feelings कविताओ और कहानियों में छुपाता रहूँगा और मुझे ये भी पता है कि उसे बताने के बाद बस उसे भूल ही जाना बेहतर है क्योंकि फिर कभी वो मेरी तरफ देखेगी नहीं। आज लोग मुझे बतारहे थे कि वो कभी मुझे मिलेगी नहीं वो कोई चीज़ या खिलौना नही है जिसे मैं हासिल करना चाहता हू उसकी खुद की जिंदगी है और मुझसे बेहतर जिंदगी है क्योंकि उसकी लोग कद्र करते हैं।और मेरी बात करो तो ल