उसकी सादगी
मुझे खूब लुभाती है
उसकी हल्की सी मुस्कुराहट
मेरा दिल चुराती हैं।
जब भी मेरे करीब वो आती है
मेरी धढ़कने तेज़ हो जाती है
गर देख लेती है एक निगाह मुझे
मेरा पूरा चैन छीन ले जाती हैं
सोचता हूँ रोज
की एक मुलाकात करूँगा
कुछ बात उससे करूँगा
पर जब भी वो सामने आती हैं
कमबख्त बोलती ही बंद हो जाती हैं
Harshit saxena{vasu}
Comments
Post a Comment